उस ने मेरी राह न देखी और,
वो रिश्ता तोड़ लिया.
जिस रिश्ते कि खातिर मुझसे,
दुनिया ने मुँह मोड़ लिया.
कहने नहीं देती कुछ मुँह से मोहब्बत मेरी,
लब पे रह जाती है आ आ के शिकायत मेरी.
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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