प्यारी सी मुस्कान,
आंखो की शरारत बन जाती है।
फिर चाहे रोके कितना ही,
वो कहा सुन पाती है।।
क्योंकि
न्योछावर है इस पर तो,
खुशियों के खजाने।
बीत जाती है सदियां और गुजर जाते है जमाने।।
इसलिए
अखरता नही है,एक भी पल।
साथ हो जब हंसी आजकल।।
चांद भी देखकर ये शरमा जाता है।
पूछ बैठता है वो भी,
हसने का हूनर तुम्हे कहा से आता है।।
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