Tuesday, June 13, 2023

हँसने का हूनर तुम्हें कहाँ से आता है

प्यारी सी मुस्कान,


आंखो की शरारत बन जाती है। 
फिर चाहे रोके कितना ही, 
वो कहा सुन पाती है।। 
क्योंकि 
न्योछावर है इस पर तो, 
खुशियों के खजाने। 
बीत जाती है सदियां और गुजर जाते है जमाने।। 
इसलिए 
अखरता नही है,एक भी पल। 
साथ हो जब हंसी आजकल।। 
चांद भी देखकर ये शरमा जाता है। 
पूछ बैठता है वो भी, 
हसने का हूनर तुम्हे कहा से आता है।।

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