Wednesday, June 14, 2023

जो चाहती दुनिया है वो मुझ से नहीं होगा

जो चाहती दुनिया है वो मुझ से नहीं होगा

समझौता कोई ख़्वाब के बदले नहीं होगा 

अब रात की दीवार को ढाना है ज़रूरी 
ये काम मगर मुझ से अकेले नहीं होगा 

ख़ुश-फ़हमी अभी तक थी यही कार-ए-जुनूँ में 
जो मैं नहीं कर पाया किसी से नहीं होगा 

तदबीर नई सोच कोई ऐ दिल-ए-सादा 
माइल-ब-करम तुझ पे वो ऐसे नहीं होगा 

बे-नाम से इक ख़ौफ़ से दिल क्यूँ है परेशाँ 
जब तय है कि कुछ वक़्त से पहले नहीं होगा 


शहरयार

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