Monday, June 19, 2023

प्यार तुम आ जाना

प्यार तुम आ जाना

ठंडी हवाओं के लिबास में 
सिहर उठे मन, बाँध लूँ बाँहों में 
प्यार तुम आ जाना 
खिलतें फूलों के ताज़गी में 
खिल उठे चेहरा, हंस पडूँ राहों में 
प्यार तुम आ जाना 
उगते सूरज के किरणों में 
खोल दूँ झरोखें, समां लूँ तन में 
प्यार तुम आ जाना 
चहकते पंछियों के गीत में 
बंद कर लूं आँखें उतार लूँ मन में 
प्यार तुम आ जाना 
डोलते फसलों के बालियों में 
लेट कर जिन पर, खो जाऊं सपनों में 
प्यार तुम आ जाना 
बादलों में बरसात लिए 
उड़ते पंछियों में आस लिए 
नाचते मोर में रास लिये 
नृत्यों में झंकार लिए 
गीतों में अलफ़ाज़ लिए 
रग रग में समा जाना, 
कण कण में बस जाना 
सांसों में उतर जाना 
जीवन बन जाना 
की प्यार हो 
बस प्यार हो।

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