अच्छा लगता है तेरा साथ,
तू केवल नाम भर नहीं।
तू बेहद बेशकीमती है,
शब्दों में कैसे कहूँ?
ये कैसे होगा?
कि तू आए, मैं कहीं और देखूँ।
मेरी निगाहों की राहें,
तुम पर खत्म हो जाती हैं।
तू पास से गुजर जाए,
क्यूँ ये धड़कन ना बढ़ जाए ?
तेरे आस-पास ही तो,
ये धड़कना चाहे।
सोच भी ना सके ,
उतना प्यार करूँ ।
थम जाए ये वक्त,
जब इजहार करूँ।
कहो तो,
उस बारिश की बात कहूँ l
जो टकराए थे हम,
किस्से की शुरुआत करूँ l
आँखें मिल जाए,
भला क्यूँ शरम आए ?
बस तुम ना शर्माना,
ये दिल बस तुमको चाहे l
तुम जैसे भी हो,
दिल फिदा है तुमपर l
इजहार बहुत कम है,
प्यार दिखाने को l
आओ तो सही,
जान बनाएंगे l
कुछ ऐसा है प्यार मेरा,
तू खुश रहे, तेरी दुनिया में l
हम तुझे खुश देखकर,
बहुत खुश हो जाएँगे l
इजहार से डर लगता है,
खो देंगे तुम्हें l
है कुछ मेरे लिए,
तो बस एक बार कह देना l
इंतज़ार रहेगा............
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