Thursday, June 29, 2023

तेरे आने का धोखा सा रहा है

​तेरे आने का धोखा सा रहा है,

दिया सा रात भर जलता रहा है  

अजब है रात से आँखों का आलम  
ये दरिया रात भर चढ़ता रहा है  

सुना है रात भर बरसा है बादल  
मगर वो शहर जो प्यासा रहा है  

वो कोई दोस्त था अच्छे दिनों का  
जो पिछली रात से याद आ रहा है  

किसे ढूँढोगे इन गलियों में 
चलो अब घर चलें दिन जा रहा है  

No comments: