उनसे हम दिल ना लगाते तो और क्या करते,
दिल में उनको ना बसाते तो और क्या करते,
वो मेरे दिल में समाए हैं एक मुद्दत से,
उनको अपना ना बनाते तो और क्या करते,
आपके आने की हमको जो मिली ख़ुशख़बरी,
राहा में गुल ना बिछाते तो और क्या करते,
अपनी तारीफ़ वो मेरी ज़ुबां से सुनकर,
शर्म से सर ना झुकाते तो और क्या करते,
हमसे जब रोशनी मांगी है आपने,
हम अगर दिल ना जलाते तो और क्या करते
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