है याद मुझे
बिजली का चमकना
बादल का कडकना
बूंदे गिरना
नदी की कलकल
आंख मिलाना
क्या याद तुम्हें
वो भीगी सी रात।
काली घटायें
बगुलों का उड़ना
मेंढक की टर टर
वो फिसली गलियां
गीली टहनी
बूढ़े बरगद की
क्या याद तुम्हें
बगिया की बात।
पूनम की रात
मोती सी बूंदे
बारिश के बाद
पीपल के पत्तों से गिरना
नम शाम की
चिड़ियों का कलरव
जीवन का अनुभव
मन के भाव
वो अपना गांव
क्या याद तुम्हें
वह नदी घाट।
है याद मुझे
वो मन की बात
शर्मीली आंखे
मिलने की चाह
अगस्त माह
आशा हजार
सपनों का तार
सब याद मुझे
क्या याद तुम्हें
सब बीती बात।
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