Sunday, March 1, 2020

और हम थे कि सहते सहते पत्थर के हो गये.

*लोग इन्तजार करते रह गये*
*कि हमें टूटा हुआ देखें*

*और हम थे कि सहते सहते*
*पत्थर के हो गये..!!*

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