Sunday, March 1, 2020

छूते ही महक जायेगी

मेरी तसवीर ख़ीचने वाले
तेरे शीशे में मेरी तसवीर ना समायेगी
मेरी फ़ितरत ही कुछ ऐसी है
की छूते ही बिख़र जाएगी! 

पर तेरी तसवीर खींचूँगा मैं
जो मेरे शीशे में समायेगी
तेरी हसरत ही कुछ ऐसी है की
छूते ही महक जायेगी! 

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