Tuesday, September 22, 2020

हम व तुम नहीं हैं किसी से अलग।

पड़ी बूँद धरा मुस्कुराने लगी ।
हर तरफ हरियाली छाने लगी ।।

हो गये ठूंठ नहीं बे सहारे ।
पाई आस कोपल आने लगी।।

उड़- उड़ आने य लगे हैं पंछी।
तितलियाँ भी मंडराने लगी।।

हम व तुम नहीं हैं किसी से अलग।
अधूरे हैं अब समझ आने लगी।।

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