Tuesday, September 1, 2020

नसीहत शायरी

साहिल की बस्तियों का सारा घमंड टूटा
सैलाब ने तमाँचा जब तान कर दिया है
- फ़रहत एहसास

सितारे सो गए अंगड़ाई ले कर
कि अफ़्साने का अंजाम आ रहा था
- अब्दुल हमीद अदम


सूरज का घमंड और नहीं तारे के बराबर
ऐसी ही तो बातें हैं इस अंधेर-नगर में
- आरज़ू लखनवी

है इश्क़ का आग़ाज़ ही अंजाम का हासिल
अंजाम नज़र आता है अंजाम से पहले
- नज़र बर्नी


तो जब मेरे किए पर है मेरा अंजाम फिर अंजाम
ये माज़ी हाल मुस्तक़बिल तो हैं ज़ेर-ए-नगीं मेरे
- अंजुम ख़लीक़

अंजाम को पहुँचूँगा मैं अंजाम से पहले
ख़ुद मेरी कहानी भी सुनाएगा कोई और
- आनिस 

हम हैं मुजरिम आप मुल्ज़िम भी नहीं
आप किस अंजाम से घबरा गए
- बद्र-ए-आलम ख़लिश

अपने अंजाम का देखेगा तमाशा कभी वो
जीते-जी हम तो अभी से उसे रोए हुए हैं
- अरमान नज्मी

कितनी रौशन हैं समुंदर की चमकती रातें
डूबती लहरों का अंजाम कभी लिख लेना !
- बाक़र मेहदी

भूले से कोई नाम वफ़ा का नहीं लेता
दुनिया को अभी याद है अंजाम हमारा
- कलीम आजिज़

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