दर्द वो चीज़ नहीं है कि दिखाए कोई
- जलील मानिकपूरी
यारो नए मौसम ने ये एहसान किए हैं
अब याद मुझे दर्द पुराने नहीं आते
- बशीर बद्र
हाथ रख रख के वो सीने पे किसी का कहना
दिल से दर्द उठता है पहले कि जिगर से पहले
- हफ़ीज़ जालंधरी
दिल सरापा दर्द था वो इब्तिदा-ए-इश्क़ थी
इंतिहा ये है कि 'फ़ानी' दर्द अब दिल हो गया
- फ़ानी बदायुनी
ज़ख़्म ही तेरा मुक़द्दर हैं दिल तुझ को कौन सँभालेगा
ऐ मेरे बचपन के साथी मेरे साथ ही मर जाना
- ज़ेब ग़ौरी
तुम मिटा सकते नहीं दिल से मिरा नाम कभी
फिर किताबों से मिटाने की ज़रूरत क्या है
- अज्ञात
लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से
तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से
- जाँ निसार अख़्तर
इस डूबते सूरज से तो उम्मीद ही क्या थी
हँस हँस के सितारों ने भी दिल तोड़ दिया है
- महेश चंद्र नक़्श
एक चेहरा है जो आँखों में बसा रहता है
इक तसव्वुर है जो तन्हा नहीं होने देता
- जावेद नसीमी
आशिक़ी में 'मीर' जैसे ख़्वाब मत देखा करो
बावले हो जाओगे महताब मत देखा करो
- अहमद फ़राज़
मोहब्बत एक ख़ुशबू है हमेशा साथ चलती है
कोई इंसान तन्हाई में भी तन्हा नहीं रहता
- बशीर बद्र
ज़िंदगी यूँही बहुत कम है मोहब्बत के लिए
रूठ कर वक़्त गँवाने की ज़रूरत क्या है
- अज्ञात
पूछ लेते वो बस मिज़ाज मिरा
कितना आसान था इलाज मिरा
- फ़हमी बदायूनी
हँस के फ़रमाते हैं वो देख के हालत मेरी
क्यूँ तुम आसान समझते थे मोहब्बत मेरी
- अमीर मीनाई
No comments:
Post a Comment