पहना मैंने ग़मों का कफन है।
जल गया मेरी खुशियों का बाग़,
जो बचा बस तन्हाई का चमन है।
इश्क-ओ-मुहब्बत के लिए सब बेचैन है,
कौन समझाए इन्हें इसमें ना सुकून ना चैन है।
एक पल में बदल जाती है दिल की दुनिया,
जब होता नयन का नयन से चयन है।
ये दरिया, ये समंदर, ये रवानी ये जवानी,
ना संभाली जाए, बंद कर तूफान चले पवन है।
जो होश ग़वा बैठे हैं सनम बेवफा के लिए,
उन्हीं के दामन में गमों का आगमन है।
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