Saturday, September 19, 2020

हाल ऐ दिल शायरी

उसे समझने का कोई तो रास्ता निकले 
मैं चाहता भी यही था वो बेवफ़ा निकले 
-वसीम बरेलवी

हाल-ए-दिल हम भी सुनाते लेकिन 
जब वो रुख़्सत हुआ तब याद आया 
-नासिर काज़मी

तुम मुझे छोड़ के जाओगे तो मर जाऊँगा, 
यूं करो जाने से पहले मुझे पागल कर दो. 

हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं 
उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में 
- बशीर बद्र

दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे 
जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे 
- दाग़ देहलवी

तुम ज़माने की राह से आए 
वर्ना सीधा था रास्ता दिल का 
- बाक़ी सिद्दीक़ी

दिया ख़ामोश है लेकिन किसी का दिल तो जलता है 
चले आओ जहाँ तक रौशनी मा'लूम होती है 
- नुशूर वाहिदी


आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तौलें 
हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं 
- साहिर लुधियानवी

जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई 
दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई 
- शकील बदायुन

अभी राह में कई मोड़ हैं कोई आएगा कोई जाएगा 
तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो 
- बशीर बद्र

फ़क़त निगाह से होता है फ़ैसला दिल का 
न हो निगाह में शोख़ी तो दिलबरी क्या है 
- अल्लामा इक़बाल

दिल में न हो जुरअत तो मोहब्बत नहीं मिलती 
ख़ैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती 
- निदा फ़ाज़ली

दिल पर दस्तक देने कौन आ निकला है 
किस की आहट सुनता हूँ वीराने में 
- गुलज़ार

दिल पे आए हुए इल्ज़ाम से पहचानते हैं 
लोग अब मुझ को तिरे नाम से पहचानते हैं 
- क़तील शिफ़ाई

आरज़ू तेरी बरक़रार रहे 
दिल का क्या है रहा रहा न रहा 
- हसरत मोहानी

ज़ख़्म कहते हैं दिल का गहना है 
दर्द दिल का लिबास होता है 
- गुलज़ार

दिल से तो हर मोआमला कर के चले थे साफ़ हम 
कहने में उन के सामने बात बदल बदल गई 
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

दिल तो मेरा उदास है 'नासिर' 
शहर क्यूँ साएँ साएँ करता है 
-नासिर काज़मी

ये दिल का दर्द तो उम्रों का रोग है प्यारे 
सो जाए भी तो पहर दो पहर को जाता है 
- अहमद फ़राज़

No comments: