अनोखा एक नया संसार!
कलियों के उच्छवास शून्य में तानें एक वितान,
#तुहिन-कणों पर मृदु कंपन से सेज बिछा दें गान;
जहां सपने हों पहरेदार,
अनोखा एक नया संसार !
करते हों आलोक जहां बुझ बुझ कर कोमल प्राण,
जलने में विश्राम जहां मिटने में हों निर्वाण;
वेदना मधु मदिरा की धार,
अनोखा एक नया संसार !
मिल जावे उस पार क्षितिज के सीमा सीमाहीन,
गर्वीले नक्षत्र धरा पर लोटें होकर दीन !
उदधि हो नभ का शयनगार,
अनोखा एक नया संसार !
जीवन की अनुभूति तुला पर अरमानों से तोल,
यह अबोध मन मूक व्यथा से ले पागलपन मोल !
करें दृग आँसू का व्यापार,
अनोखा एक नया संसार!
-महादेवी वर्मा
तुहिन - 1. हिम; तुषार 2. ओस कण 3. ज्योत्स्ना; चाँदनी, शीत; ठंडक।
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