तेरे आने की जब ख़बर महके
तेरी ख़ुशबू से सारा घर महके
शाम महके तिरे तसव्वुर से
शाम के बा'द फिर सहर महके
शाम के बा'द फिर सहर महके
रात भर सोचता रहा तुझ को
ज़ेहन-ओ-दिल मेरे रात भर महके
ज़ेहन-ओ-दिल मेरे रात भर महके
याद आए तो दिल मुनव्वर हो
दीद हो जाए तो नज़र महके
दीद हो जाए तो नज़र महके
वो घड़ी-दो-घड़ी जहाँ बैठे
वो ज़मीं महके वो शजर महके
वो ज़मीं महके वो शजर महके
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