Sunday, December 3, 2023

जिसे कह न पाऊं कहीं

एक दर्द -ए- एहसास

जिसे कह न पाऊं कहीं ।

गुज़रते वक़्त की मानिंद

गुज़र न जाऊं कहीं ।।

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