काश तुम सुन पाते
मेरे दिल की एक एक धड़कन
जो सिर्फ तुम्हारे लिऐ धड़कती हैं
काश देख पाते मेरी तड़पन
और मेरी आँखों की थकावट
जो तेरे बगैर तन्हा नींद न आने की वजह से है
कमाल करते हो विनीत
पूछकर कि जिन्दा क्यों हो ?
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
No comments:
Post a Comment