सपने मेरे दीपक की तरह,
जगमग आने लगे हैं,
दिन रात नए-नए ख्वाब,
मन में आने लगे हैं,
मैं सोचती रहती हूं,
खोई खोई रहती हूं,
इन ख्यालों में,
यह मुझे रात दिन,
सताने लगे हैं,
हकीकत में,
सच करना है इनको,
यह रास्ता अपना,
दिखाने लगे,
सपने मेरे दीपक की,
तरह जगमगाने गाने लगे हैं,
नए-नए ख्वाब दिखाने लगे।।
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