किसी की यादों को खोने आते हैं
जो लोग किनारों पर रोने आते हैं
कुछ खयाल चेहरे की मुस्कुराहट बनते हैं
कुछ खयाल पलकों को भिगोने आते हैं
मुनासिब नहीं इश्क में बच्चा बन जाना
बहुत महँगे ये दिल के खिलौने आते हैं
रातभर जागता था उस दौर का आशिक
अब लोग मोहब्बत में सिर्फ सोने आते हैं
हम सभी हैं फंसे यहाँ दरिया-ए-ज़िंदगी में
कुछ डूब जाते हैं कुछ डुबोने आते हैं
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