Sunday, December 3, 2023

यादगार खूबसूरत बना दो

 हर मुलाकात आधी

और अधूरी होती है।
क्योंकि जिंदगी का
कोई भरोसा नहीं
यह कब इंसान के
अपने हाथ होती है ?
हम जिस वक्त को
सुबह समझते हैं,कब...
शाम में तब्दील हो जाती है?

कभी-कभी पल में
उम्र यूं ही....
तमाम हो जाती है।
पता नहीं जिससे
इस पल हम शिकवा,
शिकायत कर रहे हों।
कल उसके दीदार को
हम तरसते रह जाएं।

इसलिए मुलाकातों को
आधा-अधूरा न रहने दो।
मुलाकात के कीमती पलों को,
यादगार,खूबसूरत बना दो।

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