Monday, December 4, 2023

कुछ ख्वाब अधूरे वहीं पड़े हैं

जहाँ पे तुमने था छोड़ा मुझको

कुछ ख्वाब अधूरे वहीं पड़े हैं।

तुम्हें ख़बर ही नहीं है देखो

कहाँ खड़ा हूँ मै,मैं ख़्वाब लेके।।


तुम्हारा तो है मुक़ाम जन्नत,

ये सारे आँसू हैं मेरे हिस्से ।।

तुम्हारा तो है मुक़ाम जन्नत,

मुझे भी अपने तू साथ ले चल।।

तेरी वफ़ा के रंग कई थे,

मेरी वफ़ा बेवफ़ा हो गई।।

No comments: