Friday, May 12, 2023

दिल में ऐसे ठहर गए हैं ग़म,

दिल में ऐसे ठहर गए हैं ग़म, 

जैसे जंगल में शाम के साए


जाते जाते सहम के रुक जाएँ 
मर के देखें उदास राहों पर 
कैसे बुझते हुए उजालों में 
दूर तक धूल ही धूल उड़ती है! 

Gulzar

No comments: