Friday, May 26, 2023

उस बेवफ़ा से रब्त उम्र भर का था

माना वो एक ख़्वाब था धोका नज़र का था 

उस बेवफ़ा से रब्त मगर उम्र भर का था 

- रशीद कैसरानी


किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी

ये हुस्न ओ इश्क़ तो धोका है सब मगर फिर भी


हज़ार बार ज़माना इधर से गुज़रा है

नई नई सी है कुछ तेरी रहगुज़र फिर भी


~ फ़िराक़ गोरखपुरी



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