तुझसे बात करना तो सिर्फ़ बहाना है।
मक़्सद तो बस तिरे नज़दीक आना है।।
सुना था मैंने मोहब्बत ख़ुदा का नाम है।
लगता है ये भी महज़ इक फ़साना है।।
किसी से इतनी वाबस्तगी न रख बंदे।
ऋये दुनिया फ़क़त इक सरायखाना है।।
हर शख़्स अपनी दीवानगी में है दीवाना।
पल भर में अंदाज उसका जारेहाना है।।
ज़िंदगी कुछ भी नहीं एक दरिया के सिवा।
इस और से 'दोस्त' उस और जाना है।।
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