बैठा है क्यों उदास वो दिलबर की याद में
मुझसे तो कह रहा था मोहब्बत फ़िज़ूल है
- जौन एलिया
ख़ुद से ख़ुदी के ऐब छुपाना फ़ुज़ूल है
यूँ आईने को आँख दिखाना फ़ुज़ूल है
मुमकिन है नींद नींद न हो कर बहाना हो
वो सो नहीं रहा तो जगाना फ़ुज़ूल है
~ दिनेश कुमार द्रौण
Har mausam me dard se ghire rahte hai
Ye kaise zakham hai jo hare rahte hai
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