Thursday, May 25, 2023

हर इक बात की वो ख़बर रखता है

हर इक बात की वो ख़बर रखता है

सुना है कि हम पर नज़र रखता है 

जहाँ भी नज़र दौड़ी वो मिल गया 
निगाहों में क्या वो असर रखता है 

बदलती रही है वफ़ा यार की 
कहूँ कैसे वो पाक नज़र रखता है 

घुमंतू होगी नस्ल उसकी तो क्या 
अजी साफ़-सुथरा तो घर रखता है 

शज़र,चिड़िया और फूल,भँवरे यहाँ 
अरे! नादां तू क्यों शरर रखता है 

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