Monday, May 29, 2023

अब तो लौट आओ

सीख गया मैं गलती से अपने अभी कितना सजा बाकी है

अब तो लौट आओ फिर से इतना इंतजार काफी है 

रुक जाएंगी सांसे एक दिन फिर हमें दोष ना देना 
हम हर दिन है तेरे इंतजार में कहीं मतलबी मत कह देना 

भले ही महफिल में आते हैं जिक्र बस तुम्हारा होता है 
शायरी जो भी हम करते हैं वो प्यार तुम्हारा होता है । 

हम नहीं चल पाएंगे तुम बिन अब कितना हमे सताओगी 
दुनिया अधूरी सी लगती है अभी कितना हमे रुलाओगी । 

कुसूर तो मेरा ही है सब जो तुम्हें जाने के लिए कहा । 
गलत वक्त में हमने जो ये गलत फैसला लिया । 

जो गया उसे अब भूल कर हम नई शुरुआत करते हैं 
हर वक्त में साथ चलकर जीवन में कुछ बड़ा करते हैं । 

लिखता हूं जो हर दिन ये बस तुम्हारे लिए 
महफिल में भी आता हूं तो सिर्फ तुम्हारे लिए । 

अब हमें इंतजार है तुम्हारे लौटने का 
कई रात हम जागें है वक्त है बस तुमसे मिलने का । 

हमें इस बार भी यूं ही निराश मत करना 
ये रातें भी सवाल करती हैं इन्हें इस बार जवाब देना ? ।

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