हवा हो सबा हो गुज़र जाओगे तुम
ख़यालों में मेरे ठहर जाओगे तुम
उतर जाओगे दिल की हर एक धुन में
हसीं ख्वाब बन कर निखर जाओगे तुम
लगेंगे हसीं गुल कई खिलखिलाने
कि यादों का गुलदान भर जाओगे तुम
चले कहकशाओं के रस्ते जो आओ
गगन सारा फूलों से भर जाओगे तुम
फ़क़त दीद से यह समां खिल उठेगा
कलश मन का अमृत से भर जाओगे तुम
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