Monday, May 8, 2023

हजारों ख्यालों की महफ़िल में इक चराग़ ए दुरुस्त ख्याल तेरा है

हजारों ख्यालों की महफ़िल में

एक चराग़ ए दुरुस्त ख्याल तेरा है


खाली है दिल, फकत जज्बात से

फिर क्यूँ हरसू फितूर तेरा है


कहीं तबस्सुम कहीं खुशबु कहीं तसव्वुर

कितनी अदाओं का हिजाब तेरा है


बैठे हैं खाली जाम लिए दिवाने कई 

इस महफ़िल में जाम ए इकराम तेरा है.

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