Monday, May 29, 2023

कुछ अपना ही था।

एक यार मिला जो

अपना सा था 
बातें तो हो ही जाती थी. 
पर कुछ अधूरा सा था 

वो तो कभी था ही नहीं 
बस उसके साथ बिताए 
हुवे कुछ पल कि कुछ 
यादें ही रह गई थीं 

अब फिर कभी हो सकेगा 
तो ज़रूर मिलना होगा 
ना होकर भी शायद वो 
यूं कुछ अपना सा ही था।

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