1.जुगनूओ को हाल सुनाता रहा रातभर ,
वह हसीं ख्वाबों में आता रहा रात भर
इक सुरूर था उसके आँखों में इस कदर
मैं उसके बातों में आता रहा रात भर ।
2.सब कुछ मिला इस शहर हमें, मगर सुकून नहीं मिला,
में तलाशता रहा हवाओं में, मगर तेरे खुश्बू नहीं मिला ।
3.तेरी इश्क़ के स्याही उतार दिया मैंने मेरे दिल के पन्नों पर,
अब इत्र-इत्र के खुश्बू सा बहता तेरा नाम इन धड़कनों पर ।
4.यह जो रातो का नींद कहीं खो गया था,
मेरा तेरी आंखों के बिस्तर पर मिला है, मुझे !
5.हवाओं ने खबर तो दी होगी उन्हें, की शहर में आऊंगा उनके,
खिड़की पर बैठी होगी कबसे, की नजर में आऊंगा उनके ।
6.एक ख्याल तुम्हारा, तन्हाई से भरी रातें कई,
एक जिक्र तुम्हारा, निकल पड़ते हैं बातें कई ।
7.मेरे पूरा जीवन झूठ पे टिका है,
सच हैं तो सिर्फ तुमसे मोहब्बत करना ।
8.वह याद ही नहीं करती हमें,
और हमें उनके सिवा और कोई याद ही नहीं...
9.मेरे हालात पे तब्सिरा(comment) करते हैं लोग
जब ये भी मुहब्बत से गुजरे तो जानें,
ये हिज्र(बिछड़ना) क्या होती है ये क्या जानें
वो आखरी मुलाकात से गुजरे तो जानें ।
10.मैंने ख्वाबों को कभी मरने नहीं दिया
तेरे आँचल गमों से कभी भरने नहीं दिया,
मेरे दिल के वीरानियों में बहुत आए पनाहगार मगर
हक सिर्फ तुम्हारा था किसी गैर को ठहरने नहीं दिया।
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