Monday, May 29, 2023

दिल करता रोक लूं

जब भी तुम

मुलाकात के बाद 
जाने को होती हो, 
दिल करता रोक लूं, 
पर कैसे, 
तुम बिन आंखें उदास हो जाती 
बातें ख़ामोश हो जाती 
दिल करता 
जिंदगी भर अपने पास रख लूं 
पर कोई वजह, 
कोई बहाना मिलता नहीं। 
क्यूं इतना दिल में समाती जाती हो, 
इक पल की जुदाई में भी 
जान लिए जाती हो, 
मेरी जान! बस इतना अहसान कर दो 
रुक भी जाओ की 
मुझे जीने का मोहलत दे दो। 
तुम जो कह जाती, फिर मिलेंगे, 
जाने से आने तक का इंतजार,उफ्फ 
इक कयामत सा गुजरता, 
तुम क्यूं मेरी बेचैनियों का इम्तहान लेती हो, 
रुक जाओ, मत जाओ ना। 

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