अपने दिल में हमें पनाह दे दो
दिल में रहने की तुम सजा दे दो
करार दिल को कहीं आता नहीं
रोज मिलने की एक बजा दे दो
तुम्हारी हर अदा पर मरते हैं
अपनी छोटी सी इक अदा दे दो
तुम्हारे साथ जिंदगी गुजरे
साथ जीने की कोई कला दे दो
धड़कनें भी तुम्हें बुलाती है
मेरे दिल को भी कोई सलाह दे दो
कश्ती अपनी भी पार हो जाए
ऐसा सागर को कोई मलाह दे दो
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