अदावत से आगे निकल कर दिखाओ
मुहब्बत के रस्ते पे चल कर दिखाओ
अजी सोच दुनिया बदल देगी अपनी
मगर ख़ुद को पहले बदल कर दिखाओ
फ़रिश्तो है जन्नत में नेकी ही नेकी
ज़मीं पर भी आओ संभल कर दिखाओ
अबस जल रहे हो तरक़्क़ी से मेरी
चराग़ों के मानिंद जल कर दिखाओ
ज़बां पर जहां की तुम्हीं तुम रहोगे
ये गुफ़्तार अपनी ग़ज़ल कर दिखाओ
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