Sunday, January 15, 2023

जिस्म की बेचैनियों को मोहब्बत का नाम न दो

जिस्म की बेचैनियों को मोहब्बत का नाम न दो दो पल के इस सुकून को तुम राहत का नाम न दो | 

अपने प्यार को गर खुदा बना न पाओ तुम तो 
अपने इश्क़ को फिर तुम इबादत का नाम न दो |  

रुह तक गर जा न पाओ तुम किसी के प्यार में तो 
जिस्म छूकर अपने प्यार को इज्जत का नाम न दो | 

मां की कदमों के सिवा इस दुनिया में कभी भी 
किसी को बाहों में भर लो तो जन्नत का नाम न दो | 

लगाकर हजार पाबंदियां हम औरतों पर तुम 
इसको सरपरस्ती और हिफाजत का नाम न दो  |

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