Sunday, January 15, 2023

रुठे से उनके मिज़ाज़ है

रुठे से उनके मिज़ाज़ है
चमक रहा है चाँद अपनी चांदनी संग, 
किन्तु तुम्हारे रूठने से यूँ लग रहा हो जैसे, 
कितनी लम्बी घनघोर अमावस की रात है.



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