दर्द को दिल से
प्यास को जल से
व्याधि को तन से
वहम को मन से
बहुत मुश्किल है
निकाल पाना
बुद्धि को विकास से
ज्ञान को प्रकाश से
जीवन को आस से
श्रद्धा को विश्वास से
बहुत मुश्किल है
अलग कर पाना ।
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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