वक्त चाहे कैसा भी हो हंसते हंसाते रहा कर
है जिंदगी छोटी बहुत मिलते मिलाते रहा करो।
कौन जाने किसको कब मंजिलें पुकार बैठें,
इसलिए बातें दिलों की सुनते सुनाते रहा करो।
दोस्ती और दुश्मनी तो हमने बनाई है यहां,
भूल कर सब रंजिशें गले लगते लगाते रहा करो।
कौन हमसे क्यों मिला मालूम हमको है कहां,
वक्त पे सबकी मदद करते कराते रहा करो।
जो बुरा करता है उसका हश्र होता है बुरा,
इसलिए खौफ़-ए-खुदा से डरते डराते रहा करो।
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