Sunday, January 15, 2023

मानो मुझे नई मंजिल मिल गई

उसे देखा तो ऐसा लगा

मानो मुझे नई मंजिल मिल गई 
नजर जब नजर से मिली तो 
दिल पर कोई छोरी सी चल गई 
उस की गलियों में रोज आना जाना होने लगा 
उसे देख कर मैं सब कुछ भूल कर मैं उसमें खोने लगा 
मानो एक उम्मीद जगी थी 
मुझे वह अपनी दुनिया लगी थी 
सोचा उसे की दिल की बात बता दूं 
पर कैसे कहूं समझ नहीं आ रहा था 
कहीं वह मुझसे रूठ ना जाए यह डर सता रहा था 
पर दिल ने कहा कि तू जरा सी हिम्मत कर 
उसको अपनी बात बताने की जुर्रत कर

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