नजरें चार होने से, मोहब्बत कहाँ होती।
मन से मन मिल जाये, गुफ्तगू वहाँ होती।
तमन्नाएं सभी की, प्यार की लालसा भी।
किसी-किसी के नसीब में, राते जवाँ होती।
तुम्हारे चाहने भर से, रिश्ते मुकम्मल नही।
एक दूजे की इच्छा भरे, तसल्ली वहाँ होती।
निगाहें मिलने से, यदि धडकनें बढ जाएं।
साथ रहने की तमन्ना वहाँ होती।
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