आवारा होते तो अच्छा होता।
मुझको यूं दीवाना करके,
तुम भी दीवाना होते, तो अच्छा होता।।
मेरी सुध बुध खोने वाले,
तुम भी बेसुध होते तो अच्छा होता।
मुझको खुद से अनजाना करके,तुम भी ,
खुद से बेगाना होते तो अच्छा होता ।।
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
No comments:
Post a Comment