Tuesday, November 17, 2020

हिफाजत शायरी

सुख़न किया जो ख़मोशी से शायरी जागी
चराग़ लफ़्ज़ों के जल उट्ठे रौशनी जागी
- शहपर रसूल

वो कौन हैं फूलों की हिफ़ाज़त नहीं करते
सुनते हैं जो ख़ुशबू से मोहब्बत नहीं करते
- खुर्शीद अकबर

इन आँसुओं की हिफ़ाज़त बहुत ज़रूरी है
अँधेरी रात में जुगनू भी काम आते हैं
- माजिद देवबंदी

तुम्हारे सच की हिफ़ाज़त में यूँ हुआ अक्सर
कि अपने-आप को झूटा बना लिया मैं ने
- सरफ़राज़ नवाज़

हाथ में अपने हिफ़ाज़त का असा ले जाना
घर से जाना तो बुज़ुर्गों की दुआ ले जाना
- एजाज़ अंसारी

मैं यूँ ही नहीं अपनी हिफ़ाज़त में लगा हूँ
मुझ में कहीं लगता है कि रक्खा हुआ तू है
- अभिषेक शुक्ला

न जाने क़ैद में हूँ या हिफ़ाज़त में किसी की
खिंची है हर तरफ़ इक चार दीवारी सी कोई
- ग़ुलाम मुर्तज़ा राही

हिफ़ाज़त हर किसी की वो बड़ी ख़ूबी से करता है
हवा भी चलती रहती है दिया भी जलता रहता है
- निशांत श्रीवास्तव नायाब

ज़मीं पर हो अपनी हिफ़ाज़त करो
ख़ुदा तो मियाँ आसमानों में है
- अमीर क़ज़लबाश

ये माँ की दुआएँ हिफ़ाज़त करेंगी
ये ता'वीज़ सब की नज़र काटता है
- जतिन्दर परवाज़

चमकते चाँद सितारों को दफ़्न कर आए
बुझे चराग़ को रक्खा गया हिफ़ाज़त से
- नोमान शौक़

मैं गुलिस्ताँ की हिफ़ाज़त की दुआ करता हूँ
बिजलियाँ मेरे नशेमन पे गिरा करती हैं
- अफ़ज़ल इलाहाबादी

कई ज़माने की सख़्ती भी झेल लेते हैं
कई वजूद हिफ़ाज़त से टूट जाते हैं
- इनाम कबीर

No comments: