Saturday, November 28, 2020

जिंदगी शायरी

बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं 
तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं 

- फ़िराक़ गोरखपुरी

ज़िंदगी शायद इसी का नाम है 
दूरियाँ मजबूरियाँ तन्हाइयाँ 

- कैफ़ भोपाली

जो गुज़ारी न जा सकी हम से 
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है 

- जौन एलिया
अब भी इक उम्र पे जीने का न अंदाज़ आया 
ज़िंदगी छोड़ दे पीछा मिरा मैं बाज़ आया 

- शाद अज़ीमाबादी
चला जाता हूँ हँसता खेलता मौज-ए-हवादिस से 
अगर आसानियाँ हों ज़िंदगी दुश्वार हो जाए 

- असग़र गोंडवी

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