तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं
- फ़िराक़ गोरखपुरी
ज़िंदगी शायद इसी का नाम है
दूरियाँ मजबूरियाँ तन्हाइयाँ
- कैफ़ भोपाली
जो गुज़ारी न जा सकी हम से
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है
- जौन एलिया
अब भी इक उम्र पे जीने का न अंदाज़ आया
ज़िंदगी छोड़ दे पीछा मिरा मैं बाज़ आया
- शाद अज़ीमाबादी
चला जाता हूँ हँसता खेलता मौज-ए-हवादिस से
अगर आसानियाँ हों ज़िंदगी दुश्वार हो जाए
- असग़र गोंडवी
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