Friday, November 6, 2020

मधुर वाणी

लफ़्जों के हैं जायके हजार
स्वादिष्ट परोषी बातों में
चख लिए जाये है कई बार
जो बोले तीखे बोल
तो सम्बंधों में
तीखापन बसर जाता है
कभी गर्म मिजाज
की गरमाहट
झगड़ें या आँसूओं को
छिप छिप पनाह देती हैं
कभी शिकायतें
प्यार में नाराजगी का
कारण हो जाती हैं
और जिन्दगी
नमक हो जाती है
असर, प्यार के रिश्तों की
कुछ चमकती ,
चमक खो जाती है
मधुरवाणी का
अपना एक किरदार है
हर मीठा पहलू
इसका हिस्सेदार है
दुश्मन भी दोस्त बन जाए
जब मुख से फूल झड़ जाए
जब बोले मधुरवाणी
गुस्सा होता पानी पानी
जीवन में करे हमेशा,
सही शब्दों का अर्पण
मधुरवाणी ही है
श्रेष्ठ व्यक्तित्व का दर्पण
समबन्धों में ,
माधुर्य की प्यास रहती है
मधुरवाणी से ही ,
जीवन में मिठास रहती है

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