Sunday, November 1, 2020

कोई न कोई रास्ता निकलता है

हर रहगुज़र से मेरे पावों का कोई न कोई वास्ता निकलता है
मैं किसी जानिब कदम रखूं उसी जानिब कोई न कोई रास्ता निकलता है

हयात के सफ़र में ऐसी कोई मुश्किल नहीं जिसका कोई हल नहीं
कोशिश करने से हर मुसीबत का कोई न कोई रास्ता निकलता है

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