Sunday, November 22, 2020

अधूरे सपने सच बनाने को

ख्वाबों को हकीकत बनाने को
दिन रात मेहनत, मैं करती हूं
कुछ कर दिखाने की चाहत में
सिर झुकाए,मैं खड़ी हूं
लिखने अपनी तकदीर को
कलम साथ लिए,मैं चलती हूं
अतीत को सजाने
वर्तमान में, मैं तपती हूं
अधूरे सपने सच बनाने को
नयी राह,मैं ढूंढती हूं
किसी का सहारा बनने को
खुद के साथ,मैं खड़ी हूं

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