Friday, November 20, 2020

हसरतें हैं जिदंगी की ,आसमानों सा हो जाना

हसरतें हैं जिदंगी की ,आसमानों सा हो जाना
गुजरते हुए लम्हों में खुद को ही पाना।

देखता नील समुंदर, कोरे कागजों सी जिंदगी,
लम्हों में हसरतें बादलों सा भर जाना।

रातों में तारो संग, आभूषण सा सज जाता
जिंदगी की गलियों में सदा चलते ही जाना।

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