मेरा ग़म तुमको पता हो जाएगा
दूर ही लगते शिवाले रिन्द को
पास लेकिन मयक़दा हो जायेगा
क्यूँ हुए नाराज़ खोलो राज़ ये
वर्ना झगड़ा फिर खड़ा हो जायेगा
सब समझ लेंगे सफ़र की मुश्किलें
जब नुमाया आबला हो जायेगा
गर डिनर के बाद कुछ पैदल चलें
यूँ हज़म खाना सदा हो जायेगा
हर दवा खाने से पहले बैठकर
कर दुआ भी फ़ायदा हो जायेगा
काम करना है सलीके से मगर
जब कहोगे मशविरा हो जायेगा
हारकर 'दोस्त' खोया जब नहीं
जीतकर क्या फ़ायदा हो जायेगा
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