Friday, November 6, 2020

तुमसे जब कोई जुदा हो जायेगा

तुमसे जब कोई जुदा हो जायेगा
मेरा ग़म तुमको पता हो जाएगा

दूर ही लगते शिवाले रिन्द को
पास लेकिन मयक़दा हो जायेगा

क्यूँ हुए नाराज़ खोलो राज़ ये
वर्ना झगड़ा फिर खड़ा हो जायेगा

सब समझ लेंगे सफ़र की मुश्किलें
जब नुमाया आबला हो जायेगा

गर डिनर के बाद कुछ पैदल चलें
यूँ हज़म खाना सदा हो जायेगा

हर दवा खाने से पहले बैठकर
कर दुआ भी फ़ायदा हो जायेगा

काम करना है सलीके से मगर
जब कहोगे मशविरा हो जायेगा

हारकर 'दोस्त' खोया जब नहीं
जीतकर क्या फ़ायदा हो जायेगा

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